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DIVINE | GENUINE | BLESSED

श्री तुलसी माला

श्री तुलसी माला

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सुबह के समय होने वाली कुछ घटनाएं, जो बन सकती हैं शुभ-अशुभ संकेत
हर नया दिन अपने साथ नई ऊर्जा, नए अवसर और कभी-कभी अनचाहे संकेत भी लेकर आता है। हम चाहे मानें या न मानें, लेकिन हमारे जीवन में घटने वाली कुछ घटनाओं को भारतीय परंपरा में शकुन और अपशकुन के रूप में देखा जाता है। विशेष रूप से सुबह के समय, जब हम किसी जरूरी कार्य के लिए घर से निकलते हैं, तो कुछ संकेत हमें सतर्क करते हैं।

1. खाली बर्तन दिख जाए तो रुक जाएं कुछ पल
यदि आप सुबह के समय घर से निकल रहे हों और आपके सामने अचानक खाली बर्तन आ जाए, तो यह एक अपशकुन माना जाता है। मान्यता है कि यह संकेत उस दिन के कार्य में रुकावट या हानि की चेतावनी देता है। यदि संभव हो तो उस काम को टाल दें, या कम से कम कुछ समय घर पर रुककर, शांत मन से निकलें।

2. दर्पण का टूटना – एक गंभीर संकेत
अगर सुबह-सुबह दर्पण गिरकर टूट जाए, तो इसे अत्यंत अशुभ संकेत माना गया है। ऐसी स्थिति में मानसिक अशांति या बड़ा व्यवधान हो सकता है। कोशिश करें कि आप उस दिन का महत्वपूर्ण कार्य स्थगित करें और आत्म-निरीक्षण के लिए समय निकालें।

3. कुत्तों या बिल्लियों का रोना या लड़ना
यदि सुबह किसी जरूरी काम पर जा रहे हों और आपको कुत्तों या बिल्लियों के रोने की आवाज सुनाई दे, या वे आपस में लड़ते दिखाई दें, तो यह भी एक नकारात्मक संकेत होता है। ऐसी स्थिति में बेहतर होगा कि आप थोड़ी देर रुकें या फिर अपनी यात्रा का मार्ग बदल दें।

4. किसी को शौच या पेशाब करते हुए देखना
रास्ते में यदि कोई व्यक्ति शौच या पेशाब करता हुआ दिखाई दे तो इसे अपवित्र और अशुभ संकेत माना जाता है। विशेष रूप से जब आप किसी शुभ कार्य या महत्वपूर्ण मीटिंग के लिए निकल रहे हों, तो यह दृश्य आपके मन को विचलित कर सकता है। ऐसे में रास्ता बदल लेना ही बुद्धिमानी होती है।

क्या करें जब ऐसे संकेत मिलें?

  • कुछ पल शांत होकर ध्यान करें।
  • घर के मंदिर में दीपक जलाएं।
  • "ॐ नमः शिवाय" या "ॐ गण गणपतये नमः" मंत्र का जाप करें।
  • फिर नकारात्मक ऊर्जा को पीछे छोड़कर, आत्मविश्वास के साथ निकलें।

इन संकेतों का उद्देश्य डराना नहीं है, बल्कि सतर्क करना है — ताकि आप अपने दिन की शुरुआत बेहतर तैयारी और सकारात्मक ऊर्जा के साथ कर सकें।

🌿 श्री तुलसी की मूल गोल दानों वाली माला
(लगभग 40 इंच | प्रामाणिक तुलसी काष्ठ से निर्मित | आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक)

“तुलसी के बिना विष्णु पूजन अधूरा है।”
तुलसी को सनातन धर्म में माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु की अत्यंत प्रिय माना गया है। तुलसी की माला सिर्फ एक साधन नहीं, बल्कि एक दिव्य ऊर्जा होती है जो आपके मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करती है।

🔱 मुख्य विशेषताएँ:

✔ यह माला 100% असली तुलसी काष्ठ की बनी है – बिना किसी मिलावट या रसायन के
✔ लगभग 40 इंच लंबाई – गले में दो बार पहनी जा सकती है
गोल दाने, प्राकृतिक काष्ठ से बने हैं, इस कारण कुछ दाने हल्के कटे या असमान दिख सकते हैं, जो इसकी वास्तविकता और कुदरती स्वरूप का प्रमाण है
✔ प्रत्येक दाना मंत्र शक्ति से भरपूर और ऊर्जा-संचारक
✔ श्रीहरि विष्णु, श्रीकृष्ण, राम, राधा, हनुमान और तुलसी पूजन में उपयुक्त
✔ ध्यान, मंत्र-जाप, भक्ति योग और आत्मिक साधना के लिए श्रेष्ठ

🙏 पहनने की विधि:

  1. माला को शुद्ध गुरुवार या एकादशी के दिन प्रातः स्नान के बाद धारण करें
  2. पहनने से पहले तुलसी माला को गंगाजल से स्नान कराएं और सूर्य अथवा दीपक के सामने रखकर पूजन करें
  3. निम्न मंत्र का जाप करते हुए माला को गले या कंठ में पहनें:
    "ॐ वासुदेवाय नमः" या "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"
  4. इसे गले में एक या दो लपेट में पहना जा सकता है
  5. जब भी आप मंत्र जाप, कीर्तन या पूजा करें, इस माला को धारण करके करें

📿 जाप की विधि:

  1. माला को दाएँ हाथ से पकड़ें, और मध्यमा व अँगूठे से दानों को चलाएं (तर्जनी अंगुली का उपयोग न करें)
  2. सुमेरु (माला का बड़ा दाना) को पार न करें – वहां से पलट कर पुनः जाप करें
  3. जाप करते समय शांत स्थान, स्वच्छ मन और भक्ति भाव आवश्यक है
  4. प्रतिदिन 108 बार जाप करें, सुबह और शाम दोनों समय उत्तम फलदायक होता है
  5. निम्नलिखित मंत्रों में किसी एक का जाप किया जा सकता है:
  • "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"
  • "हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे"
  • "ॐ विष्णवे नमः"
  • "श्रीराम जय राम जय जय राम"
  • "ॐ तुलस्यै नमः"

🌟 मुख्य लाभ:

✔ मानसिक शांति, मन की स्थिरता और आध्यात्मिक प्रगति
✔ नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा
✔ भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति
✔ रोग, भय और पाप से मुक्ति
✔ ध्यान व भक्ति में गहराई और आत्मिक संतुलन

❗ महत्वपूर्ण निर्देश:

  1. माला को कभी भी शौचालय या अपवित्र स्थान पर न ले जाएं
  2. माला पहनते समय मांस, मदिरा और अपवित्र आचरण से बचें
  3. किसी को अपनी माला न दें, यह व्यक्तिगत आध्यात्मिक साधन होती है
  4. यदि माला टूट जाए, तो उसका सम्मानपूर्वक गंगाजल में विसर्जन करें या तुलसी पौधे के नीचे रखें

🌿 श्री तुलसी माला – केवल एक आभूषण नहीं, बल्कि आपकी आत्मा को विष्णु भक्ति से जोड़ने वाला आध्यात्मिक सेतु। प्राकृतिक और वास्तविक तुलसी की माला में जो थोड़ा असमानता हो, वह इसकी प्राकृतिकता और प्रामाणिकता का प्रमाण है – यही इसे विशेष और दिव्य बनाता है। भक्ति की राह पर कदम रखने वालों के लिए यह माला अमूल्य रक्षक और साथी है।

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