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सुनहला चाँदी पेंडल
सुनहला चाँदी पेंडल
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🌟 सुनहला रत्न (पुखराज उपरत्न) – आपके जीवन की समृद्धि का राज़ 🌟
सुनहला रत्न, जिसे ज्योतिष शास्त्र में पुखराज उपरत्न कहा जाता है, गुरु ग्रह (बृहस्पति) का प्रतीक है। यह रत्न उन व्यक्तियों के लिए अत्यंत लाभकारी है जिनकी कुंडली में बृहस्पति कमजोर होता है। 🌞✨ यह रत्न न केवल मान-सम्मान, सफलता, और आर्थिक समृद्धि में मदद करता है, बल्कि यह मानसिक शांति, संतुलन और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। 💎 और सबसे महत्वपूर्ण बात, यह रत्न लैब टेस्टेड है, जिसका मतलब है कि इसकी गुणवत्ता और प्रभाव वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हैं। ✅
सुनहला रत्न के अद्भुत फायदे:
- 💼 व्यवसाय में अभूतपूर्व लाभ
अगर आप अपने व्यवसाय में सफलता चाहते हैं, तो यह रत्न आपके लिए वरदान है। धन और समृद्धि की प्राप्ति के साथ यह आपके व्यापार में विकास को गति देता है। - 🚀 करियर में नई उड़ान
यदि आप अपने करियर में सफलता प्राप्त करने की राह तलाश रहे हैं, तो यह रत्न आपके लिए एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है। गुरु ग्रह की कृपा से आपको नए अवसर मिलते हैं और प्रोफेशनल ग्रोथ में सफलता मिलती है। 🌱 - 🧑🎓 प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता
छात्रों और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों के लिए यह रत्न विशेष रूप से लाभकारी होता है। यह रत्न आपकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और निर्णय लेने की शक्ति को बढ़ाता है, जिससे परीक्षा में सफलता की संभावना मजबूत होती है। 📚📝 - 💰 आर्थिक तंगी से छुटकारा
यदि आप आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, तो यह रत्न धारण करना आपके लिए लाभकारी होगा। यह आपको धन की प्राप्ति और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करता है। 💵🌟
सुनहला रत्न के लिए शुभ राशियाँ:
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धनु और मीन राशि: ये दोनों राशियाँ विशेष रूप से सुनहला रत्न के लिए शुभ मानी जाती हैं क्योंकि इनका स्वामी गुरु बृहस्पति होता है। 🌙
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मेष, कर्क, वृश्चिक और धनु राशि: इन राशियों के जातक भी सुनहला रत्न पहन सकते हैं। यह रत्न इन्हें धन लाभ, मान-सम्मान, और संतान सुख में मदद करता है। 🎯
सुनहला रत्न धारण करने की विधि:
सुनहला रत्न को गुरुवार के दिन धारण करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। 🌅
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प्रारंभिक प्रक्रिया:
- गुरुवार के दिन स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। 🧖♂️🧖♀️
- एक तांबे के पात्र में गाय का कच्चा दूध, गंगाजल, घी, शहद, और तुलसी की कुछ पत्तियां डालें। 🥛🍯🌿
- फिर, इसमें सुनहला रत्न वाली अंगूठी या पेंडल डालकर उसे 108 बार जाप करें, "ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रूं गुरुवे नमः"। 🙏
- साफ-सफाई और धारण:
- रत्न को गंगाजल से धोकर सूखे कपड़े से पोंछें।
- यदि रत्न अंगूठी है तो इसे दाएं हाथ की तर्जनी उंगली में पहनें, और यदि यह पेंडल है तो इसे गले में धारण करें। 🌟
- ध्यान रखें कि यह रत्न सोने, चांदी या अष्टधातु की अंगूठी में ही जड़वाना चाहिए। 💍
सुनहला रत्न का चांदी पेंडल – एक आकर्षक विकल्प
चांदी के पेंडल के रूप में सुनहला रत्न धारण करना न केवल एक फैशनेबल विकल्प है, बल्कि यह आध्यात्मिक शांति और वित्तीय समृद्धि का प्रतीक भी है। यह आपके व्यक्तित्व को और भी आकर्षक बनाता है और हर दिशा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। 💫💖
समाप्ति:
सुनहला रत्न को सही विधि से धारण करने से न केवल आपके जीवन में धन और समृद्धि का वास होता है, बल्कि यह आपके करियर, शिक्षा और जीवन के सभी पहलुओं में सकारात्मक बदलाव लाता है। इसे अपनी जिंदगी में शामिल करें और देखें कैसे यह रत्न आपको जीवन की नई ऊचाईयों पर ले जाता है। 🚀🌱
ध्यान रखें: अपने गुरु ग्रह के प्रभाव से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए इस रत्न को बिना ज्योतिष सलाह के धारण न करें, ताकि इसका प्रभाव सकारात्मक हो और आपको जीवन में सफलता मिले। ✨🌟
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