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MYSTICAL | ENERGIZED | SACRED

सूर्य यंत्र

सूर्य यंत्र

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सूर्य यंत्र :

सूर्य यंत्र एक शक्तिशाली ज्यामितीय आरेख है जो ब्रह्मांड में जीवन और ऊर्जा के स्रोत सूर्य देव का प्रतिनिधित्व करता है। यह यंत्र हिंदू ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में बहुत महत्व रखता है और इसे स्थापित करने तथा इसकी नियमित पूजा करने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। आइए, इसके बारे में और विस्तार से जानते हैं:

सूर्य यंत्र का स्वरूप :

सूर्य यंत्र आमतौर पर पीतल या तांबे की प्लेट पर उत्कीर्ण होता है। इसकी संरचना में केंद्र में एक बिंदु (बिंदु) होता है, जो सूर्य की केंद्रीय शक्ति का प्रतीक है। इस बिंदु के चारों ओर वृत्त बने होते हैं, जो ब्रह्मांडीय ऊर्जा के विस्तार को दर्शाते हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें विशिष्ट संख्याएँ और बीज मंत्र (जैसे "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः") संस्कृत में लिखे होते हैं, जो सूर्य देव की ऊर्जा को आकर्षित और केंद्रित करने में सहायक होते हैं। यंत्र की ज्यामितीय आकृतियाँ एक विशेष कंपन पैदा करती हैं जो उपासक को सकारात्मक ऊर्जा से जोड़ती है।

सूर्य यंत्र के लाभ :

सूर्य यंत्र के अनेक लाभ हैं, जिन्हें हम और विस्तार से समझ सकते हैं:

  • आत्मविश्वास और शक्ति में वृद्धि: सूर्य ऊर्जा और तेजस्विता का प्रतीक है। इस यंत्र की पूजा करने से व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास, साहस और आत्म-सम्मान की भावना बढ़ती है। यह नकारात्मक विचारों और हीन भावना को दूर करने में मदद करता है।
  • नेतृत्व क्षमता का विकास: सूर्य राजा और नेता का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य यंत्र की उपासना से व्यक्ति में स्वाभाविक नेतृत्व के गुण विकसित होते हैं। वह दूसरों को प्रेरित करने और उनका मार्गदर्शन करने में सक्षम होता है।
  • सफलता के मार्ग प्रशस्त: सूर्य सफलता, प्रगति और उच्च पद का कारक है। इस यंत्र की कृपा से व्यक्ति को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में आसानी होती है। यह नौकरी, व्यवसाय और जीवन के अन्य क्षेत्रों में सफलता और उन्नति के अवसर प्रदान करता है।
  • नौकरी और व्यवसाय में तरक्की: सूर्य यंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो सरकारी नौकरी या उच्च प्रशासनिक पदों पर कार्यरत हैं, या जो अपने व्यवसाय में वृद्धि और विस्तार चाहते हैं। इसकी पूजा से करियर में स्थिरता और प्रगति मिलती है।
  • सूर्य दोष का निवारण: ज्योतिष में यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर या पीड़ित हो तो कई प्रकार की समस्याएं आ सकती हैं, जैसे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, मान-सम्मान में कमी, और भाग्य का साथ न मिलना। सूर्य यंत्र की पूजा से सूर्य के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: सूर्य ऊर्जा का स्रोत है और इसका संबंध हमारी शारीरिक और मानसिक सेहत से भी है। सूर्य यंत्र की नियमित पूजा से शारीरिक ऊर्जा बढ़ती है, रोगों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है और मानसिक शांति मिलती है। यह हृदय, आंखों और हड्डियों से संबंधित समस्याओं में भी लाभप्रद माना जाता है।
  • मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि: सूर्य यश और कीर्ति का प्रतीक है। इस यंत्र की आराधना से समाज में व्यक्ति का मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है। लोग उसका आदर करते हैं और उसे महत्व देते हैं।
  • पारिवारिक सुख और समृद्धि: सूर्य यंत्र घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे पारिवारिक सदस्यों के बीच प्रेम और सामंजस्य बना रहता है। यह घर में सुख, शांति और समृद्धि लाने में सहायक होता है।

सूर्य यंत्र की स्थापना विधि :

सूर्य यंत्र को स्थापित करने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है:

  • शुभ मुहूर्त: यंत्र की स्थापना के लिए रविवार का दिन या सूर्य नक्षत्र को अत्यंत शुभ माना जाता है। किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर शुभ मुहूर्त ज्ञात करना उचित होता है।
  • स्थान: यंत्र को घर के पूर्वी भाग में स्थापित करना सर्वोत्तम माना जाता है, क्योंकि यह दिशा सूर्य देव की दिशा है। आप इसे पूजा कक्ष में या किसी पवित्र स्थान पर स्थापित कर सकते हैं। स्थापना ऐसे स्थान पर होनी चाहिए जहाँ यंत्र आसानी से दिखाई दे और उसकी नियमित पूजा की जा सके।
  • शुद्धिकरण: स्थापना से पहले यंत्र और उस स्थान को गंगाजल या पवित्र जल से शुद्ध करना चाहिए।
  • स्थापना: यंत्र को लाल कपड़े पर रखें और सूर्य देव का ध्यान करते हुए इसे स्थापित करें।

सूर्य यंत्र की पूजा विधि :

    • प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
    • यंत्र के सामने धूप, दीप और लाल फूल अर्पित करें।
    • सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें, विशेष रूप से "ॐ सूर्याय नमः" या ऊपर दिए गए बीज मंत्र का। आप सूर्य चालीसा या सूर्य स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं।
    • यंत्र को नियमित रूप से साफ करें और उसकी पवित्रता बनाए रखें।

सावधानियां :

  • यंत्र की पवित्रता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। इसे गंदे हाथों से न छुएं।
  • महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान यंत्र को नहीं छूना चाहिए।
  • यंत्र की नियमित रूप से देखभाल करें और इसे धूल-मिट्टी से बचाएं।
  • यदि यंत्र खंडित हो जाए तो उसे तुरंत बदल दें।

निष्कर्ष :

सूर्य यंत्र एक शक्तिशाली आध्यात्मिक उपकरण है जो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है। श्रद्धा और विश्वास के साथ इसकी पूजा करने से साधक को निश्चित रूप से लाभ मिलता है। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यंत्र केवल एक माध्यम है, और सच्ची सफलता के लिए कर्म और प्रयास भी आवश्यक हैं। किसी भी प्रकार की शंका या मार्गदर्शन के लिए हमेशा एक योग्य ज्योतिषी से सलाह लें।

यंत्र मेटल का बना हुआ है. यंत्र की साइज़ 3 इंच x 3 इंच है.

 

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